अपरदन क्या है ? तथा नदी अपरदन के प्रकार | Nadi Apardan Ke Prakar

Spread the love

 अपरदन क्या है ?

इसके अंतर्गत बहता जल (नदी) भूमिगत जल, सागरीय तरंग, हिमानी परी

 

अपरदन क्या है ? तथा नदी अपरदन के प्रकार

 

नदी अपरदन के प्रकार ? ( Nadi Apardan Ke Prakar )

 

नदी अपरदन (बहता जल)

कोई नदी अपनी सहायक नदियों समेत जिस संपूर्ण क्षेत्र का जल लेकर आगे बढ़ती है, वह क्षेत्र प्रवाह क्षेत्र या नदी-द्रोणी या जलग्रहण क्षेत्र कहलाता है

एक नदी-द्रोणी दूसरी नदी-द्रोणी से जिस उच्च भूमि द्वारा अलग होती है, उसे जल विभाजक कहते हैं

उदाहरण के लिए उत्तर में अरावली पर्वत श्रेणी और इसके उत्तर की उच्च भूमि सिंधु में गंगा-द्रोणियों को अलग करने के कारण जलविभाजक का कार्य करती है

 

नदी द्वारा निर्मित स्थलरूप निम्न है

 

 1 . वी (V) आकार की घाटी- नदी द्वारा अपने घाटी में की गई ऊर्ध्वाकार अपरदन के कारण घाटी पतली, गहरी और वी आकार की हो जाती है, इसमें दीवारों का ढाल तीव्र व उत्तल होता है, यद्यपि घाटियों में थोड़ा क्षैतिज अपरदन भी होता है, परंतु घाटी को गहरा करने का कार्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है, आकार के अनुसार यह दो प्रकार के होते हैं- गार्ज और  कैनियन सामान्य रूप में बहुत गहरी तथा संकरी घाटी को गार्ज या कंदरा कहते हैं,

कभी-कभी प्रपंतो के द्रुत गति से पीछे हटने से भी गार्ज का निर्माण होता है भारत में सिंधु, सतलज एवं ब्रह्मापुत्र क्रमशः निर्मित सिन्धु गार्ज, शिपकिला गार्ज व दिहांग गार्ज प्रसिद्ध है, गार्ज के विस्तृत रूप को कैनियन या संकीर्ण नदी कंदरा कहते हैं, यह अपेक्षाकृत खड़ी ढाल वाली होती है, विश्व में कैनियन का सबसे अच्छा उदाहरण संयुक्त राज्य अमेरिका में कोलोराडो नदी पर स्थित ग्रैंड कैनियन है,

 2 .  जलप्रपात या क्षिप्रिका पानी

जब नदियों का जल ऊंचाई से खड़े ढाल से अत्यधिक वेग से नीचे की ओर गिरता है, तो उसे जलप्रपात कहते हैं, इसका निर्माण चट्टानी संरचना में विषमता, असमान अपरदन, भूखंड में उत्थान, भ्रंश कगारों के निर्माण आदि के कारण होता है,

उत्तरी अमेरिका का नियाग्रा जलप्रपात और दक्षिण अफ्रीका की जांबेजी नदी पर स्थित विक्टोरिया जलप्रपात इसके उदाहरण है, भारत में कर्नाटक राज्य में शरावती नदी पर स्थित जोग या गरसोप्पा जलप्रपात 260 मीटर की ऊंचाई से गिरता है,

नर्मदा नदी का धुआंधार जलप्रपात (30 मीटर) तथा स्वर्णरेखा नदी का हुंडरू जलप्रपात (97 मीटर) अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, क्षिप्रिका की ऊंचाई जलप्रपात से अपेक्षाकृत कम होती है,

 

3 .जलोढ़ शंकु 

जलोढ़ शंकु जब नदियां पर्वतीय भाग से निकलकर समतल प्रदेश में प्रवेश करती है, तो नदी वेग में परिवर्तन के कारण चट्टानों के अवसाद पर्वत पाद के पास निक्षेपित हो जाते हैं तथा उन से बनी शंकवाकर आकृति जलोढ़ शंकु कहलाती है, हिमालय पाद प्रदेश में विभिन्न जलोढ़ शंकुओं के मिलने से भाबर प्रदेश का निर्माण हुआ है,

 

4 .जलोढ़ पंख 

जलोढ़ पंख पर्वतीय भाग से निकलने के क्रम में नदियों के अवसाद दूर दूर तक फैल जाते हैं, अतः इनसे पंखनुमा मैदान का निर्माण होता है जिसे जलोढ़ पंख कहते हैं, अनेक जलोढ़ पंख ओके मिलने से गिरीपद मैदान या तराई प्रदेश का निर्माण होता है,

 

5 .नदी विसर्प

नदी विसर्प मैदानी क्षेत्रों में नदी की धारा दाएं-बाएं मुड़ती हुई प्रावाहित होती है तथा विसर्प बनाती है, यह एस (S) आकर के होते हैं, नदियों का ऐसा: विशार्पण अधिक अवसाद के कारण होता है,

 

6 .गोखुर झील

गोखुर झील जब नदी अपने विसर्प को त्याग कर सीधा रास्ता पकड़ लेती है तब विसर्प का अवशिष्ट भाग गोखुर झील या झाडन झील बन जाता है,

 

7 .तटबंध

तटबंध आगे बढ़ने के दौरान नदियां अपरदन के साथ-साथ बड़े-बड़े अवसादो का किनारों पर निक्षेपण भी करती जाती हैं, जिससे किनारे पर बांधनुमा आकृति का निर्माण हो जाता है, इसे प्राकृतिक तटबंध कहते हैं,

 

8 .बाढ़ का मैदान

बाढ़ का मैदान जब नदी की परिवहन शक्ति बहुत कम हो जाती है तो अत्याधिक अवसादो का निक्षेपण करने लगती है, फल स्वरुप अपने तल पर ही अवसादो का निक्षेपण करने के कारण उसकी धारा तक अवरुद्ध हो जाता है तथा उसका जल-आसपास के मैदानों में फैल जाता है, इस समतल वह चौरस मैदान को बाढ़ का मैदान कहा जाता है, इस में प्रतिवर्ष बाढ़ के कारण नए अवसादो का जमाव होता रहता है,

 

9 .डेल्टा

डेल्टा निम्नवर्ती मैदानों में ढाल की न्यूनता व अवसादो की अधिकता के कारण नदी की परिवहन शक्ति कम होने लगती है तथा वह अवसादो का जमाव करने लगती है, इससे डेल्टानुमा आकृति बनती है

 

 डेल्टा का वर्गीकरण

चापाकार डेल्टा – नील नदी एवं गंगा-ब्रह्मपुत्र का डेल्टा

पक्षीपाद डेल्टा – मिसिसिपी-मिसौरी नदी का डेल्टा

ज्वारनदमुख डेल्टा – भारत में नर्मदा ताप्ती का डेल्टा

4   दंताकार डेल्टा – एंब्रो नदी का  डेल्टा

 

READ MORE :

अपक्षय क्या है ? तथा रासायनिक अपक्षय के प्रकार

 

Leave a Comment

पठान ने पहले ही दिन 100 करोड़ कमाए TN 12th Result 2023 Out, 94.03 pass percentage Telangana (TS) Inter Result 2023 Declared Oskar Sala, the composer honored by Google in its doodle today New President of India द्रौपदी मुर्मू 7 StepTo Download Your AP EAMCET Hall Ticket-2023 10 Reasons to Choose Bluehost Web Hosting