भारत के प्रमुख बंदरगाह
बंदरगाह देश की मुख्य भूमि की 5600 किलोमीटर लंबी तट रेखा पर 13 बड़े तथा 185 मध्य में छोटे बंदरगाह स्थित है बड़े बंदरगाहों का नियंत्रण एवं प्रबंधन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है जबकि छोटे व मध्यम बंदरगाह का संविधान की समवर्ती सूची में शामिल है जिनका प्रबंधन तथा प्रशासन संबंधित राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है
कांडला बंदरगाह
गुजरात में कच्छ की खाड़ी के तट पर स्थित यह एक ज्वारीय बंदरगाह है यहां पर सरकार ने मुफ्त व्यापार क्षेत्र स्थापित किया है 4 अक्टूबर 2017 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बंदरगाह का नाम परिवर्तित कर दीनदयाल बंदरगाह कर दिया गया है
मुंबई बंदरगाह
यह देश का सबसे बड़ा वर्ष पर्यंत खुला रहने वाला प्राकृतिक बंदरगाह है जो प्राकृतिक कटान में साल सेठ जी पर स्थित है यहां से मुख्यता सूती एवं ऊनी कपड़े चमड़े का सामान पेट्रोलियम मैगजीन मशीन इंजीनियरिंग सामान आदि का निर्यात किया जाता है यह देश का सबसे बड़ा बंदरगाह है
नहावा सेवा न्यू मुंबई बंदरगाह
इसका नामकरण जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह है यह पूर्णतया यंत्र चलित बंदरगाह है जो मुंबई मुंबई बंदरगाह पर दबाव करने हेतु न्यू मुंबई में आधुनिक शैली से विकसित बंदरगाह है इसे वर्ष 1988-1989 में देश का बारवा बड़ा बंदरगाह घोषित किया गया है या भारत का विशालतम कंटेनर पतन है
मार्मागाओ बंदरगाह
गोवा की जुआरी नदी को ऐसे चोरी में स्थित या बंदरगाह वर्ष 1977 तक देश का सबसे बड़ा निर्यात करता बंदरगाह था क्योंकि पूर्व में जापान को लौह अयस्क का ही निर्यात होता था किंतु वर्तमान में मैगजीन सीमेंट उर्वरक काफी नारियल काजू नमक खनिज नमक आदि का भी निर्यात होता है
न्यू मंगलौर बंदरगाह
मार्गो गांव में कोच्चि के मध्य कर्नाटक में स्थिति है बंदरगाह आकार की दृष्टि में अपेक्षाकृत छोटा है यहां से मुख्यतः लौह अयस्क कर्नाटक की केंद्र मुख खान में विकसित ग्रेनाइट, काजू, कहवा, लकड़ी, मछली, चंदन का तेल आदि का निर्यात होता है
कोच्चि बंदरगाह
देवना दयाल जी से अरब सागर की रानी क्वीन ऑफ अरेबियन सी के लोकप्रिय नाम से जाना जाता है इस के मुहाने पर स्थित कोच्चि पतंग एक प्राकृतिक पतन है इस पतन को स्वच्छ कोलंबो मार्ग के पास अवस्थित होने का लाभ प्राप्त है पूर्व का वेनिस कहा जाने वाला यह बंदरगाह केरल के मालाबार तट के वेलिंगटन द्वीप द्वीप पर स्थित है इसकी गोदी वर्ष भर खुली रहती है इस बंदरगाह के निकट एक जलयान निर्माण शाला में पेट्रोलियम शोधनशाला स्थापित की गई है
तूतीकोरिन बंदरगाह
भारत के दक्षिणी पूर्वी छोर पर तमिलनाडु में स्थिति है 27 जनवरी 2011 को तूतीकोरिन पोर्ट का ट्रस्ट का नाम बदलकर चिदंबर नार पोर्ट ट्रस्ट किया गया श्री चिदंबरम लेने 1906 में प्रथम स्वदेशी भारतीय नौवहन सेवा तूतीकोरिन से कोलंबो के बीच प्रारंभ की थी
चेन्नई बंदरगाह
भारत के प्राचीनतम बंदरगाहों में से एक है यह एक कुतरिम पतन है जिसे वर्ष अट्ठारह सौ उनसठ में बनाया गया था तट पर पानी की कमी रहने के कारण बड़े जलयान तट तक नहीं आ पाते थे जिसे बाद बाद में कृत्रिम रूप से गहरा किया गया यहां से पेट्रोलियम उत्पाद उर्वरक लौह अयस्क मैगजीन अभ्रक कोयला मशीनें सूती और रेशमी कपड़े चमड़ा रबड़ तंबाकू तेल हल्दी आदि का आयात निर्यात किया जाता है
विशाखापट्टनम बंदरगाह
काकीनाडा चैट पर आंध्र प्रदेश में स्थित इस बंदरगाह के पास पहुंच निर्माण व मरम्मत उद्योग भी स्थापित हैं यहां से लौह –अयस्क पेट्रोलियम उत्पाद, पूर्वक लकड़ी कोयला, चमड़ा आदि का आयात निर्यात किया जाता है यह सबसे गहरा बंदरगाह माना जाता है
पारादीप बंदरगाह
यह उड़ीसा राज्य में कटक से 100 किलोमीटर की दूरी पर महा नदी के डेल्टा पर स्थित है यहां से मुख्यतः जापान को कच्चा लोहा निर्यात किया जाता है यह निर्यात प्रधान बंदरगाह है इसका पोताश्रय सबसे गहरा है
कोलकाता हल्दिया बंदरगाह
यह बंदरगाह हुगली नदी पर व्यवस्थित है जो बंगाल की खाड़ी से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मुंबई पतन की भांति इसका विकास भी अंग्रेजों द्वारा किया गया था हल्दिया कोलकाता से 105 किलोमीटर दूर स्थित है यह पूर्णतया प्राकृतिक बंदरगाह है यह एक नदिया पतंग भी है कांडला की भांति यह भी एक ज्वारीय पतन है इस बंदरगाह पर जल के स्तर को बढ़ाने के लिए फरक्का नामक स्थान पर एक बांध बनाया गया है
एन्नोर बंदरगाह
यह तमिलनाडु के तट पर चेन्नई के उत्तर में स्थित है इसका परिचालन सन 2001 से शुरू हुआ या देश का सबसे बड़ा कंप्यूटराइज्ड बंदरगाह है और देश का प्रथम पब्लिक कंपनी मिनी रत्न बंदरगाह है यह देश का प्रथम निजी क्षेत्र में स्थापित बंदरगाह है यह चेन्नई से 24 किलोमीटर उत्तर में स्थित है 21 फरवरी 2014 को एन्नोर बंदरगाह का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी में आधुनिक तमिलनाडु के निर्माता के कामकाज के नाम पर कामराज पोर्ट लिमिटेड बंदरगाह किया गया है
पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में स्थित पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह को केंद्र सरकार ने एक जून 2010 से बड़े बंदरगाहों की श्रेणी में सम्मिलित किया इससे देश में बड़े बंदरगाह के कुल संख्या अब 13 हो गई है इन बंदरगाहों का प्रबंधन मैनेजर पोर्ट ट्रस्ट अधिनियम के अंतर्गत पोर्ट ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता है
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